Thursday 19 May 2011

मैं


               १

हवा हूँ, मैं बहूँगी!
लाख, कोशिश करे कोई
बहना नहीं छौडूँगी
जब-जब जहाँ-जहाँ जाना है
जाकर रहूँगी
बहना मेरा काम है
बहती रहूँगी।
             २
ज्वाला हूँ, मैं जलूँगी
जितने भी अरमान हैं मेरे 
पूरा करके रहूँगी
न गलत किया है
न गलत करने दूँगी
भले ही कोशिश करे कोई
खुद को बुझने न दूँगी।         

            ३
धरती हूँ मैँ सहूँगी
दिल में भले दर्द हो
पर जुबाँ से नही कहूँगी
लहलहाती आई हूँ
लहलहाती रहूँगी।  
  
         ४
नदी हूँ मैं अनवरत
आगे बढती जाऊँगी
राह की बाधाओं से
कभी नही घबराऊँगी
आगे बढती आई हूँ
आगे बढती जाऊँगी।







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