Monday 21 May 2012

अगला मोड़

तुम्हें सूरज  की किरणें चाहिए 
मुझे चंदा की चांदनी ..........
तुम टकसाल  के प्रहरी हो ??????
मैं वीणा की रागिनी
 मानव-मन की विषमताओं को
जान सका न कोय ??????
राहें जुदा-जुदा है अपनी
कैसे मिलना होय???????
मिलना ही है गर तुमको तो?????
भगीरथ सा प्रयास करना होगा
राह बदलकर राही तुमको
अगले मोड पर -----
मिलना होगा
मेरा क्या है़------
बनकर बदली कहीं भी
बरस जाऊगी----
राह तुम तकते रहोगे-----
नज़र नहीं कहीं आउँगी
बनकर यादें मानसपटल पर
जीवनभर तडपाऊँगी------- 



ब्लागर साथियों आवश्यक कार्य की वजह से १५ दिन तक ब्लाँग जगत से दूर रहूँगी----------

Monday 14 May 2012

जीवनसाथी मेरे

आज के दिन ही (15.05.1990)
दो अनजान पथिकों ने
जीवनभर साथ निभाने की कसम खाई थी------
जीवन और जीवन के संघर्ष
इतने कठिन होते हैं
ये बात उस समय भला कहाँ----
समझ में आई थी ???????


पर----------
हमसफर साथ हो तो ----
सफर हँसते- हँसते कट जाता है
खुशियों की छाँह तले
गम धीरे से खिसक जाता है।

जीवनसाथी मेरे ----
जानती हूँ
मैं बाग तुम बागवाँ हो
मेरे जमीं और आसमाँ हो
मेरे चाँद और सितारे हो
पतझड नही आये जिसमें
मेरे जीवन की वे बहारें हो

चाहत है मेरी---
दामपत्य जीवन के सफर में
अधिकार और कर्तव्य की भावना के
साथ-साथ मैत्रीभाव भी बहे
जो भी कहना हो मुझको
मेरा दिल निःसंकोच कहे -----


तमन्ना है मेरी----
भले हीं मेरे पथ में
फूल नहीं बिछाना
पर ----
काँटा बनकर कभी
मेरे दिल को नही दुखाना----

भावना के वशीभूत होकर
अंधविश्वास मत करना
परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी हो
मुझपर अविश्वास नहीं करना ।

जरूरत पडी कभी अगर तो ????
भले हीं सहारा मत देना
पर साजिश करके औरों से
बेसहारा भी न करना ।

दुःखी देख मुझे कभी
दुःखी नहीं तुम होना
दुःख से चाहे घिरे रहो
हरदम हँसते रहना
हँसता देख तुम्हें मेरे साथी
खुशी-खुशी जी लूगी
संग तुम्हारे रहकर सारे
गम को मैं हर लूँगी।

इन बातों का रखना ध्यान
सफर खुशियों से कट जायेगा

हरसिंगार के फूलों से मेरे ----
जीवन का पथ भर जायेगा।

Thursday 10 May 2012

सुखमय यादें





एक-एक कर दिल के सारे
गिरह खोल दो----
जितनी भी बातें हैं मन में
बेहिचक  बोल दो----
क्या पता कब ??????
जिन्दगी की शाम आ जाये ????
कौन सी मुलाकात ??????
अंतिम  पैगाम  बन जाये---
 न जाने ----- कब ????कहाँ????कैसे ????
जिन्दगी और मौत की ठन जाये????


 मेरे घर का पिछवाडा--------

  बचपन से मेरे सुख-दुख का सहभागी----
                                         मेरी पहली पाठशाला------
                                            वक्त ने जिसे बदल दिया -----
  
     

मेरे घर का आंगन जहां चांद तारों को देखते हुये मैं सपने संजोती थी।




लाडों में पली

नाज़ों से पली
प्यारी बिटिया
ससुराल चली------











पल भर की खुशी
दुखविनाशक हथियार----

मां की कमी पर ----
भाभी का साथ----





बहना यूं ही बहती रहना ------








मौसी का घर
खुशियों का जहां---------











भाई-भाभी और मौसी के साथ----खुशियों की बरसात ----



]

ढेर सारी खुशियों को मेरी झोली मे देनेवाले मेरे पतिदेव
अपने ससुरालवालों के साथ-----













बाबुजी की कमी पर -------

खुशी की कोंपलें भतीजा -----भतीजी----










नानी का गाँव-----
सपनों का जहाँ ----
  



अलविदा बचपन की यादें
अलविदा सुखमय छाँह----
याद नहीं आना अब मुझको----
ये है मेरा अंतिम सलाम----