Wednesday 28 January 2015

लगाम

सीता अगर अपनी लालसा पर

लगाया होता लगाम 

तो तुमसे कभी न बिछुड़ते मर्यादा पुरुषोत्तम राम 

जो है अपने पास गर
उसी में किया होता संतोष 

तो जीवन के कठिन डगर पर कभी न होता अफ़सोस

अगर किया होता लक्ष्मण रेखा का सम्मान
तो दुष्ट रावण कभी न कर पाता
तुम्हारा अपमान

न हीं दुनियाँ के विषैले-व्यंग झेलने होते
तुमसे तुम्हारा घर,पति औ-
लव-कुश से उसके पिता न जुदा  होते।  
                                  मेरी बहुत पुरानी रचना। शायद आपको पसंद आये।