Sunday 8 March 2015

वो

जिसकी कोख में सपने पलते हैं 
सृष्टि के पाँव मचलते हैं 
वो माँ है 
वो बहन है 
वो बेटी है 
वो पत्नी है 
वो प्रेमिका है 
वो अबला नारी नहीं 
वो सब पर भारी है
वो ताकतों की ताकत औ 
आफ़तों की आफत है
वो शक्ति की पुंज है 
वो राख में दबी चिंगारी है 
जीवन को जीवन देनेवाली 
वो एक ममतामयी नारी है। 
                                    महिला को सम्मान देने के प्रतीक स्वरुप इस तथाकथित महिला दिवस की सार्थकता तभी फलीभूत होगी जब महिलायें निर्भय होकर प्रगति पथ पर अग्रसर होंगी।